आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख क्षेत्र बन चुका है। अमेरिका, चीन और यूरोप की टेक कंपनियां उन्नत एआई मॉडल विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। हाल ही में, चीन के डीपसीक नामक एआई मॉडल ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। डीपसीक चीन का एक मजबूत भाषा मॉडल (LLM) है, जिसे ओपन एआई के जीपीटी-4 और गूगल जैमिनी जैसे मॉडलों का प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है।
अमेरिका और पश्चिमी देश इस प्रकार की एआई प्रगति को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि इसका प्रभाव केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह अर्थव्यवस्था, सैन्य, साइबर सुरक्षा और भू-राजनीति में भी अहम भूमिका निभा सकता है। डीपसीक के एआई मॉडल, इसकी क्षमताओं, इसके विकास के पीछे चीन की रणनीति और अमेरिका एवं पश्चिमी देश सकते में हैं।
डीपसीक एआई क्या है?
डीपसीक एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है, जिसे चीन की एक प्रमुख एआई कंपनी ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), टेक्स्ट जनरेशन, डेटा विश्लेषण और कोडिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करना है।
डीपसीक का निर्माण जीपीटी-4, गूगल जैमिनी और Meta Llama-2 जैसे एआई मॉडलों के समकक्ष किया गया है। यह मॉडल विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है, जैसे:
• कंटेंट जनरेशन (लेखन, ब्लॉग, समाचार)
• अनुवाद और भाषा मॉडलिंग
• डेटा विश्लेषण और रिसर्च
• कोडिंग और प्रोग्रामिंग सहायता
डीपसीक को विशाल डेटा सेट पर प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें चाइनीज और अंग्रेज़ी भाषा की गहरी समझ शामिल है।
डीपसीक और चीन की एआई रणनीति
चीन पिछले एक दशक से एआई पर तेज़ी से निवेश कर रहा है। डीपसीक जैसे मॉडल राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य चीन को एआई में वैश्विक लीडर बनाना है। कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं :
(i) एआई विकास में चीन का निवेश
• चीन ने 2017 में घोषणा की थी कि वह 2030 तक AI में दुनिया का अग्रणी देश बनना चाहता है।
• इस उद्देश्य से हुआवेई, टेनसेंट, अलीबाबा और बाइडू जैसी कंपनियां एआई रिसर्च में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं।
• चीन सरकार भी बड़े पैमाने पर फंडिंग और डेटा उपलब्ध करा रही है।
(ii) एआई और सैन्य रणनीति
• चीन एआई का उपयोग ड्रोन, साइबर सुरक्षा और स्वायत्त हथियारों के विकास में कर रहा है।
• अमेरिकी रक्षा विभाग को डर है कि डीपसीक जैसे उन्नत मॉडल सैन्य और जासूसी अभियानों में उपयोग किए जा सकते हैं।
• चीन पहले से ही एआई आधारित सर्विलांस और सेंसरशिप का उपयोग कर रहा है, जिससे अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता है।
(iii) एआई और आर्थिक प्रतिस्पर्धा
• डीपसीक जैसे एआई मॉडल चीन की टेक इंडस्ट्री को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे अमेरिकी टेक कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
• चीन पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा चिप और हार्डवेयर बाजार है, और अब वह एआई सॉफ़्टवेयर में भी आत्मनिर्भर बनना चाहता है।
3. अमेरिका की चिंताएँ : डीपसीक क्यों खतरा हो सकता है?
अमेरिका डीपसीक और चीन की एआई प्रगति को लेकर कई कारणों से चिंतित है।
(i) टेक्नोलॉजी की दौड़ में प्रतिस्पर्धा
डीपसीक जैसे मॉडल चीन को ओपन एआई, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के समकक्ष ला सकते हैं। अगर चीन अपने एआई मॉडल में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो अमेरिकी टेक कंपनियों की वैश्विक वर्चस्वता खतरे में पड़ सकती है।
(ii) साइबर सुरक्षा और डेटा खतरे
• अमेरिका को डर है कि चीन डीपसीक का उपयोग साइबर हमलों, डेटा चोरी और जासूसी के लिए कर सकता है।
• पहले भी टिकटॉक और हुवाई पर डेटा चोरी और निगरानी के आरोप लगे थे, जिससे अमेरिका सतर्क है।
• अगर डीपसीक को सुरक्षा सिस्टम को बायपास करने या साइबर हमलों में इस्तेमाल किया गया, तो यह बड़ा खतरा हो सकता है।
(iii) सेंसरशिप और प्रोपेगैंडा
• चीन सरकार पहले से ही एआई का उपयोग इंटरनेट सेंसरशिप और प्रचार के लिए करती है।
• अमेरिका को डर है कि डीपसीक को चीनी सरकार गलत सूचना फैलाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है, जिससे वैश्विक राजनीति प्रभावित हो सकती है।
• उदाहरण के लिए, एआईजनित फर्जी खबरें चुनावों और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर सकती हैं।
(iv) सैन्य उपयोग
• डीपसीक का उपयोग एआई-ड्राइवेन हथियारों, सैन्य रणनीति और जासूसी में किया जा सकता है।
• अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर तनाव है।
• अगर चीन एआई में अमेरिका से आगे निकल गया, तो यह वैश्विक सैन्य संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया : एआई पर प्रतिबंध और रणनीति
डीपसीक और अन्य चीनी एआई प्रगति को रोकने के लिए अमेरिका ने कुछ रणनीतियाँ अपनाई हैं :
(i) चिप निर्यात प्रतिबंध
• अमेरिका ने चीन को एडवांस्ड सेमीकंडक्टर्स (जैसे एनवीडिया के एआई चिप्स) बेचने पर प्रतिबंध लगाया।
• एआई मॉडल के लिए शक्तिशाली चिप्स जरूरी होते हैं, इसलिए यह प्रतिबंध चीन की एआई ग्रोथ को धीमा कर सकता है।
(ii) चीनी एआई कंपनियों पर प्रतिबंध
• अमेरिका पहले ही हुवाई, टिकटॉक और कई अन्य चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुका है।
• हो सकता है कि भविष्य में डीपसीक को भी अमेरिका में बैन या सीमित किया जाए।
(iii) खुद की एआई तकनीक को बढ़ावा देना
• अमेरिका अपनी एआई कंपनियों (ओपन एआई, गूगल डीप माइण्ड, मानव सिद्धान्त) को और फंडिंग दे रहा है।
• एआई में अमेरिका की बढ़त बनाए रखने के लिए नई रिसर्च और डेवलपमेंट पर ज़ोर दिया जा रहा है।
क्या डीपसीक अमेरिका के लिए खतरा है?
डीपसीक एक उन्नत एआई मॉडल है, जो चीन की तकनीकी आत्मनिर्भरता और एआई महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। यह ओपन एआई और गूगल के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकता है, लेकिन साथ ही अमेरिका के लिए साइबर सुरक्षा, सैन्य और आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियाँ खड़ी कर सकता है।
अमेरिका चीन की एआई क्षमताओं को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंध, प्रतिबंधित सहयोग और नई तकनीकी प्रगति पर ध्यान दे रहा है, लेकिन अगर चीन डीपसीक जैसे मॉडलों को तेजी से विकसित करता है, तो भविष्य में एआाई क्षेत्र में वैश्विक शक्ति संतुलन बदल सकता है।
Great artical
ReplyDeleteGreat information
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