भारतवर्ष की पावन भूमि पर अनेक पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं, जो न केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को जाग्रत करते हैं, वरन् समाज में नैतिकता, सेवा, शक्ति एवं भक्ति की प्रेरणा भी देते हैं। ऐसे ही महान पर्वों में एक है—हनुमान जयन्ती, जो भगवान श्रीराम के परम भक्त, शक्ति और भक्ति के आदर्श स्वरूप, संकटमोचक पवनपुत्र हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में श्रद्धा एवं उत्साह से मनाई जाती है।
हनुमान जयन्ती हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व भक्ति, शक्ति और निष्ठा का प्रतीक है। हनुमान जी को बजरंगबली, संकटमोचन और रामभक्त के रूप में पूजा जाता है। यह त्योहार चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भी मनाने की परंपरा है। यह वह दिन है जब भगवान शिव के रुद्रावतार हनुमान जी ने धरती पर जन्म लिया। हनुमान जी को ‘संकटमोचन’ भी कहा जाता है—जो भक्तों के सभी दुःख हर लेते हैं। इस दिन देशभर के हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, घंटियाँ बजती हैं और ‘जय श्रीराम’ के जयकारे गूँजते हैं। यह दिन भक्तों के लिए अत्यन्त शुभ माना जाता है क्योंकि हनुमान जी शक्ति, भक्ति, बुद्धि और निष्ठा के प्रतीक हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
पुराणों में हनुमान जी का महत्त्व
हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त माने जाते हैं। उन्होंने अपनी असीम शक्ति, बुद्धिमत्ता और समर्पण से लंका युद्ध में विजय प्राप्त करने में सहायता की और भगवान राम की चिर जीवन सेवा–सुश्रुषा की। हनुमान जी को ‘चिरंजीवी’ माना जाता है अर्थात वे आज भी अमर हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं।
हनुमान जी का जन्म
वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अन्य पुराणों के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन माता अंजनी और केसरी नंदन के रूप में हुआ। इनके जन्म का मुख्य उद्देश्य था ‘भगवान श्रीराम की सेवा और असुरों का विनाश करना।’ कहा जाता है कि वायुदेव की कृपा से ही इनका जन्म हुआ। इस कारण इन्हें ‘पवनपुत्र’ भी कहा जाता है।
हनुमान जी के जन्म की कथा
• माता अंजनी एवं पिता केसरी (वायु पुत्र) के घर जन्मे हनुमान जी को ‘अंजनी पुत्र’ भी कहा जाता है।
• बचपन में सूर्य को फल समझकर निगल लेने की घटना के बाद इन्हें ‘सूर्यशिशु’ की उपाधि मिली।
• रामभक्ति के कारण इन्हें ‘रामदूत’, बजरंगी बल के कारण ‘बजरंगबली’ और संकटमोचन गुण के कारण ‘संकटमोचन’ कहा जाता है।
हनुमान जयन्ती का महत्व
हनुमान जयन्ती, जिसे हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व है। भगवान हनुमान जी को कलियुग के जाग्रत देवता माना गया है। वे शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। तुलसीदास जी ने लिखा है —
संकट से हनुमान छुड़ावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।
अर्थात् हनुमान जयन्ती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शत्रु बाधा, रोग-व्याधि, भय और ग्रह दोष समाप्त होते हैं।
हनुमान जयन्ती और ज्योतिष में प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जी मंगल ग्रह के कारक देवता माने जाते हैं। वे शनि, राहु, केतु और अन्य ग्रहों के दोषों को भी शान्त करते हैं। विशेषतः जिनकी जन्मकुण्डली में मंगल दोष, शनि साढ़ेसाती अथवा राहु–केतु की दशा है, उन्हें हनुमान जी की आराधना से अत्यन्त लाभकारी होती है।
हनुमान जी और मंगल ग्रह का सम्बन्ध
हनुमान जी की पूजा विशेषतः मंगलवार के दिन अत्यधिक शुभ मानी जाती है। मंगल ग्रह से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु हनुमान जी का स्मरण आवश्यक है।
मंगल मूर्ति मारुति नंदन, सकल अमंगल मूल निकंदन।
हनुमान जी के उपाय
• मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
• हनुमान जी को सिंदूर और लड्डू का भोग लगाएं।
• हनुमान यंत्र की स्थापना करके नियमित पूजा करें।
• ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मन्त्र का जाप करें।
हनुमान जयन्ती 2025 पूजा विधि
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
3: लाल पुष्प, सिंदूर व चमेली के तेल से पूजन करें।
4. हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुन्दर काण्ड का पाठ करें।
5. प्रसाद अर्पित कर आरती करें।
हनुमान जयन्ती पर करें ये विशेष उपाय
• हनुमान चालीसा का 11, 21 या 108 बार पाठ करें।
• सुन्दर काण्ड का सामूहिक पाठ कराएं।
• गरीबों को लाल वस्त्र, गुड़, चना वितरण करें।
• बजरंग बाण का पाठ कर रक्षा कवच बनाएं।
ग्रहदोष निवारण में सुन्दर काण्ड एवं हनुमान चालीसा की भूमिका
तुलसीदास जी ने सुन्दर काण्ड में लिखा है —
जो यह पढ़ै सुन्दरकाण्ड, तुलसी संकट होई सब फांड।
अर्थात जो भी मनुष्य सुन्दरकाण्ड का पाठ करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और वह अपने जीवन में आने वाली समस्त कठिनाइयों से पार हो जाता है और उसे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हनुमान चालीसा की चौपाई —
भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावै।
अर्थात् जब हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, तो भूत–पिशाच जैसी नकारात्मक शक्तियां भी पास नहीं आती हैं।
यह चौपाई हनुमान जी के नाम की शक्ति को दर्शाती है, जो भक्तों को नकारात्मक शक्ति से बचाता है। यह हनुमान चालीसा का एक शक्तिशाली मन्त्र है, जो भक्तों को नकारात्मक शक्ति से बचाता है।
हनुमान जयन्ती पर करें विशेष ज्योतिषीय अनुष्ठान
हनुमान जयन्ती पर विशेष ज्योतिषीय अनुष्ठान आयोजित होते हैं, जिनमें मंगल ग्रह की शान्ति हेतु यज्ञ, शनिदोष निवारण हवन, सुन्दरकाण्ड पाठ हवन सहित आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही हनुमान जी के मन्त्र ‘ॐ हनुमते नमः’ का 108 बार जप भी किया जाता है। इसके अलावा शिवलिंग पर हनुमान जी के नाम से जल अर्पित कर रुद्राभिषेक भी किया जाता है। साथ ही हनुमान बाहुक का पाठ करने से मनुष्य को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख–समृद्धि बढ़ती है।
निष्कर्ष
हनुमान जयन्ती 2025 पर श्रद्धा, विश्वास एवं भक्ति भाव से भगवान हनुमान जी की आराधना करें। उनके दिव्य नाम, स्तुति व चालीसा का पाठ कर अपने जीवन से कष्ट व ग्रह दोष को समाप्त करें।