
आधुनिक
युग विज्ञान का युग है। इस युग में प्रत्येक मनुष्य को जीवन में अपने अधिकतर कार्य
इंटरनेट के माध्यम से ही करने होते हैं। इस कारण आज मनुष्य के जीवन में इंटरनेट अहम
भूमिका निभाते हुए जीवन का आधार बन चुका है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह
संचार हो या शिक्षा, व्यापार हो या मनोरंजन, सभी क्षेत्रों में इंटरनेट की अहम भूमिका
है। कुछ दशकों पूर्व जब विश्व में संचार माध्यम के रूप में टेलीग्राम, तार जैसे माध्यम
होते थे, वहीं आज विज्ञान ने टेक्नोलॉजी में नवीनता लाते हुए अब वायरलेस तकनीक की नई
टेक्नोलॉजी को हमारे समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। अभी तक हम जहां 2G युग से बढ़ते–बढ़ते आज 5G युग
में पहुंचे हैं, जो कि हाई स्पीड इंटरनेट और कम विलम्बता जैसे अनुभव हमें प्रदान कर
रहा है। अब दुनिया 6G टेक्नोलॉजी की ओर कदम रख रही है। हालांकि सभी के मन में एक सवाल
घर किए हुए हैं कि आखिर 6G टेक्नोलॉजी कब आएगी और इससे हमारे जीवन में क्या परिवर्तन
आएंगे।
आखिर क्या है 6G इंटरनेट टेक्नोलॉजी?
इंटरनेट
में ‘G’ का अर्थ है ‘Generation’ अर्थात ‘पीढ़ी’। विज्ञान एवं तकनीक में नवीनता के चलते
समय–समय पर इंटरनेट
में भी नवीनता आती गई है। जहां सन् 1991 में दुनिया में 2G इंटरनेट की सुविधा हमें
मिली थी और इसमें डेटा ट्रांसफर की गति भी लगभग 50 से 384 kbps तक होती थी, वहीं अब
इंटरनेट की पांचवी पीढ़ी चल रही है, जो कि 5G नेटवर्क है और जिसकी शुरूआत 2013 में हुई
थी, लेकिन 2019 में इसे पूरी दुनिया में लॉन्च किया गया था। 5G नेटवर्क में डेटा ट्रांसफर
की स्पीड 20 GBPS तक की मिलती है, वहीं अब 6G अर्थात छठी पीढ़ी की चर्चाएं चल रही हैं,
जो कि 5G से भी अधिक उन्नत संस्करण साबित होगा। 6G केवल इंटरनेट स्पीड और कनेक्टिविटी
तक ही सीमित नहीं है। यह एक ऐसी तकनीक होगी, जो मानव, मशीन और पर्यावरण के बीच नवीन
आयाम लेकर आएगी। 6G की नींव टेराहर्ट्ज, फ्रीक्वेंसी बैंड, AI और उन्नत नेटवर्क पर
रखी गई है। जहां हमें 5G में मिलीमीटर वेब तकनीक मिलती थी, वहीं 6G में टेराहर्ट्ज
रेंज मिलेगी, जो अभूतपूर्व डेटा ट्रांसफर में मददगार सिद्ध होगी।
6G नेटवर्क की विशेषताएं
- अल्ट्रा हाई स्पीड : 6G नेटवर्क 1Tbps तक की डेटा गति देगा, जो कि 5G नेटवर्क की तुलना में 100 गुना तेज होगी।
- न्यूनतम विलम्बता : 6 G नेटवर्क में न्यूनतम विलम्बता उपलब्ध होगी, जो कि 100 माइक्रो सेकण्ड से भी कम लेटेंसी पर उपलब्ध होगी। यह रीयल टाइम प्रयोगों के लिए आदर्श टेक्नोलॉजी सिद्ध हो सकती है।
- ऊर्जा दक्षता : 6G टेक्नोलॉजी पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील डिजाइन है, जो कि कम ऊर्जा खपत करती है।
- हाइपर कनेक्टिविटी : इस टेक्नोलॉजी में एक साथ अरबों डिवाइसों को जोड़ने की क्षमता मौजूद है।
- AI एकीकरण : 6G नेटवर्क प्रबन्धन और उपयोगकर्ता के अनुभवों को बेहतर कने के लिए तकनीक में AI तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- 6G नेटवर्क मात्र मोबाइल नेटवर्क तक ही सीमित नहीं रहेगा वरन् यह स्मार्ट सिटी, अंतरिक्ष संचार, स्वचालित वाहन और डिजीटल ट्विन जैसे क्षेत्रों में भी एक क्रान्ति लाएगा। 6G टेक्नोलॉजी एक ऐसी दुनिया का निर्माण करेगी, जहां भौतिक और डिजीटल दुनिया का अंतर लगभग खत्म हो जाएगा।
आखिर कब आएगा 6G इंटरनेट?
दुनिया
में प्रत्येक नेटवर्क पीढ़ी के विकसित होने और उसे व्यावसायिक रूप से लागू होने में
लगभग 10 वर्ष का समय लगता है। जिस प्रकार 2G नेटवर्क दुनिया में 1991 के दशक में आया।
उसके बाद 3G नेटवर्क का प्रारम्भ 2000 के दशक में हुआ। 4G नेटवर्क की लॉन्चिंग
2010 में हुई। इसी प्रकार 5G नेटवर्क की शुरूआत 1999 में हुई और व्यावसायिक रूप से
यह नेटवर्क 2020 में उपयोग में आने लगा। इसी पैटर्न को देखते हुए माना जा रहा है कि
6G नेटवर्क हम लोगों को लगभग सन् 2030 तक मिलने लगेगा। हालांकि इस विषय में समय–सीमा
शोध की प्रगति, निवेश और वैश्विक सहयोग अहम भूमिका निभाएंगे।
वैश्विक शोध और परिदृश्य
विश्व
के कई देश और टेलीकॉम कंपनियां 6G नेटवर्क में आधुनिक प्रयोग करते हुए शीघ्रातिशीघ्र
लाने में जुट गई हैं, जिनके कुछ उदाहरण निम्न हैं :
चीन
: चीन ने 2019 से ही 6G नेटवर्क पर शोध शुरू कर दिए हैं। चाइना टेलीकॉम और हुआवेई जैसी
कंपनियां टेराहर्ट्ज तकनीक पर काम कर रही हैं। चीन ने 2021 में एक उपग्रह लॉन्च किया,
जिसमें चीन ने 6G फ्रीक्वेंसी का परीक्षण किया। चीन का लक्ष्य 2030 तक 6G नेटवर्क को
व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने का विचार कर रही है।
जापान
: जापान ने 6G टेक्नोलॉजी के विकास के लिए अभी तक लगभग 482 मिलियन डॉलर का निवेश कर
चुका है। इस नेटवर्क की ट्रायल NTT, Docomo जैसी कंपनियां कर रही हैं। उम्मीद की जा
रही है कि जापान भी 6G नेटवर्क को 2030 तक लॉन्च कर देगा।
दक्षिण
कोरिया : दक्षिण कोरिया में 6G नेटवर्क का प्रारम्भिक ट्रायल का लक्ष्य 2026 माना जा
रहा है और 2030 तक पूर्ण रोलआउट का लक्ष्य दक्षिण कोरिया लेकर चल रही है। इस नेटवर्क
को बेहतर बनाने के लिए दक्षिण कोरिया में सैमसंग और LG जैसी कंपनियां जुटी हुई हैं7
अमेरिका
: अमेरिका में नोकिया और क्वालकॉम जैसी बेहतरीन कंपनियां 6G नेटवर्क को शीघ्रातिशीघ्र
व्यावसायिक उपयोग में लाने के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं। यहां भी 6G लॉन्चिंग
की संभावित समय–सीमा 2030 मानी जा रही है।
यूरोप
: यूरोपीय संघ हैक्सा एक्स 6G परियोजना को जल्द ही लॉन्च करने में जुटी हुई है। यह
एक संयुक्त शोध पहल के रूप में है, जिसे फिनलैंड और जर्मनी जैसे देश टेस्ट बेड्स के
रूप में विकसित करने में लगे हुए हैं।
भारत में 6G नेटवर्क की स्थिति
भारत
भी 6G नेटवर्क की दौड़ में पीछे नहीं है। भारत सरकार ने इस नेटवर्क के लिए ‘भारत 6G
एलायंस’ की स्थापना की है, जिसमें उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और विभिन्न स्टार्टअप शामिल
हैं। सन् 2023 में भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक 6G विजन डॉक्यूमेंट जारी किया,
जिसमें 6G नेटवर्क को लॉन्च करने का लक्ष्य सन् 2030 निर्धारित किया गया है। भारत ने
6G नेटवर्क सम्बन्धी लगभग 200 से अधिक पेटेंट फाइल किए हैं, जो भारत की तकनीकी क्षमता
को दर्शाती है। भारत में 6G नेटवर्क को बेहतरीन बनाने के लिए रिलायंस जियो और भारती
एयरटेल जैसी कंपनियां निवेश कर रही हैं। जियो ने जो 2025 तक 5G नेटवर्क को पूरे देश
में लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, वह लगभग पूरा होने में है और अब रिलायंस
जियो 6G नेटवर्क को विकसित करने में जुट गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में
6G नेटवर्क का ट्रायल 2026–27 में प्रारम्भ हो जाएगा और व्यावसायिक रोलआउट 2028–30
के बीच संभव होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी
ढांचे और 5G नेटवर्क की प्रगति पर निर्भर करेगा।
समय–सीमा को प्रभावित करने वाले कारक
6G
नेटवर्क का समय से पहले या बाद में आना निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है :
- शोध और विकास : आधुनिक तकनीक टेराहर्ट्ज और AI एकीकरण में सफलता 6G नेटवर्क की सफलता के समय को कम कर सकती है।
- निवेश : सरकार और निजी क्षेत्र फण्डिंग में तेजी लाकर 6G नेटवर्क को शीघ्र व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध करवा सकती है।
- नियामक मंजूरी : स्पेक्ट्रम आवंटन और सुरक्षा मानकों की मंजूरी 6G नेटवर्क के लिए बेहतर हो सकती है।
- बुनियादी ढांचा : नए टॉवर, एंटीना और डिवाइस शीघ्रातिशीघ्र तैयार करने से 6G नेटवर्क को नवीन दिशा मिल सकती है।

6G नेटवर्क हमारे जीवन में क्या बदलाव लाएगा?
6G
नेटवर्क हमारे जीवन में केवल एक तकनीकी उन्नयन साबित नहीं होगा वरन् इस नेटवर्क से
हमारे समाज, अर्थव्यवस्था और जीवनशैली पूरी तरीके से बदल जाएगी। 6G नेटवर्क मानव जाति
के जीवन में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण बदलाव लाएगा :
1.
अभूतपूर्व गति और कनेक्टिविटी : 6G नेटवर्क की स्पीड 1Tbps तक होने का अनुमान लगाया
जा रहा है, जो 5G नेटवर्क से 100 गुना और 4G नेटवर्क से लगभग 1000 गुना तेज होगी। इसका
मतलब है कि एक 8K फिल्म कुछ ही मिली सैकण्ड में डाउनलोड हो जाएगी। 6G नेटवर्क की लेटेंसी
100 माइक्रो सैकण्ड से भी कम होगी, जो रीयल टाइम संचार को तत्काल प्रभावी बनाने में
सक्षम होगी। यह ऑनलाइन गेमिंग, लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को पहले से
कहीं अधिक बेहतर बनाएगा। सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाई स्पीड इंटरनेट को शीघ्र
पहुंचाने की योजना है, जिससे डिजीटल डिवाइड कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
2. स्मार्ट सिटी और IoT का विस्तार : 6G नेटवर्क स्मार्ट सिटी की तस्वीर को वास्तविकता में बदल देगा। यह तकनीक एक साथ अरबों डिवाइसों पर कनेक्ट हो सकता है जिससे ट्रेफिक प्रबन्धन, अपशिष्ट प्रबन्धन और ऊर्जा उपयोग में बेहतर सुधार होने की उम्मीद की जा रही है। उदाहरण के लिए स्मार्ट ट्रेफिक लाइट्स और स्वचालित वाहनों का सम्पर्क सुदृढ़ होगा जिससे जाम और दुर्घटनाओं की सम्भावना कम होगी। IoT डिवाइस जैसे स्मार्ट मीटर, सेंसर और ड्रोन तकनीक में भी अधिक कुशलता आएगी।

3. स्वास्थ्य सेवाओं में क्रान्ति : 6G नेटवर्क स्वास्थ्य सेवाओं को भी नई दिशा देगा। टेली मेडिसिन में रिमोट सर्जरी और डायग्नोस्टिक की सटीकता में वृद्धि होगी। मरीजों को अस्पताल में चक्कर लगाने की जरूरत कम होगी। उदाहरण के लिए एक सर्जन वर्चुअल रूप से मरीज का ऑपरेशन कर सकेगा जिसमें 6G नेटवर्क की कम लेटेंसी महत्त्वपूर्ण होगी। वियरेबल डिवाइस रियल टाइम में स्वास्थ्य सम्बन्धी आंकड़े जैसे हृदय गति सम्बन्धी आंकड़े, ऑक्सीजन संबंधी आंकड़ों को विश्लेषण के लिए शीघ्रातिशीघ्र भेज सकेंगे। भारत जैसे देश जहां ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएं सीमित हैं, 6G नेटवर्क जीवनरक्षक के रूप में साबित हो सकता है।
4.
कार्यक्षेत्र और शिक्षा में बदलाव : 6G नेटवर्क के साथ शिक्षा और कार्यक्षेत्र डिजीटल
रूप से एकत्र हो जाएंगे। वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) के माध्यम
से छात्र 3D मॉडलों का अधिकाधिक प्रयोग कर सकेंगे। उदाहरण के लिए एक मेडिकल छात्र मानव
शरीर के अन्दरूनी हिस्सों को वर्चुअल रूप से देख सकेगा। कार्यालयों में कर्मचारी वर्चुअल
मीटिंग्स में अधिकाधिक रूप से भाग ले सकेंगे, जो एक प्रकार से वास्तविक होंगी और उसमें
दूरी का कतई अहसास नहीं होगा। यह उत्पादकता, सहयोग और शिक्षा को आमजन की पहुंच में
पहुंचाएगा।
5.
ऑटोमेशन और रोबोटिक्स : 6G नेटवर्क स्वचालित वाहनों, ड्रोन और रोबोटिक्स में नवीन क्रान्ति
ला सकता है। स्वचालित वाहन एक–दूसरे से रियल टाइम में डेटा साझा कर सकेंगे, जिससे सड़क
सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। खेती में रोबोट स्वचालित रूप से बुआई, सिंचाई और कटाई कर
सकेंगे। उद्योगों में 6G नेटवर्क के साथ स्मार्ट फैक्ट्रियां उत्पादन में अधिकाधिक
बढ़ोतरी कर पाएगी और आयात–निर्यात में भी अधिकाधिक बढ़ोतरी कर पाएगी। साथ ही अपने उत्पादन
को सस्ता करने के भी नए आयाम तलाश पाएगी। भारत जैसे देश में जहां की अर्थव्यवस्था कृषि
पर आधारित है, 6G नेटवर्क आर्थिक विकास को नवीन गति देगा।
6.
पर्यावरण और स्थिरता : 6G नेटवर्क को पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाया जा रहा
है। यह कम ऊर्जा खपत के साथ अधिकाधिक शुद्ध आंकड़े ट्रांसफर करने में समर्थ होगा, जिससे
कार्बन फुटप्रिंट में कमी होगी। स्मार्ट ग्रिड सिस्टम ऊर्जा उपयोग को अनुकूलित करने
में सक्षम होंगे और सेंसर पर्यावरण प्रदूषण को बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग कर पाने में
सफल होंगे। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी सक्षम होगा।
7.
मनोरंजन और गेमिंग का नया युग : 6G नेटवर्क मनोरंजन और गेमिंग में अभूतपूर्व परिवर्तन
ला सकता है। VR और AR गेम्स में खिलाड़ियों की अधिकाधिक रुचि होगी। उदाहरण के लिए मान
लो आप किसी खेल आयोजन स्थल से दूर हैं, लेकिन अाप उस आयोजन स्थल को भी 360º में अनुभव
कर पाएंगे। फिल्में, वेब सीरीज आदि बिना बफरिंग के स्ट्रीम होंगी और होलाेग्राफिक डिस्प्ले
सामान्य हो सकते हैं।
8. अंतरिक्ष और वैश्विक संचार : 6G नेटवर्क अंतरिक्ष संचार को भी बेहतर बनाने में सक्षम होगा। उपग्रहों के साथ एकीकृत नेटवर्क दूरदराज के क्षेत्रों और समुद्रों में भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह अंतरिक्ष अनुसंधान, मौसम निगरानी और वैश्विक संचार में भी मददगार सिद्ध हो सकता है।
चुनौतियां और समाधान
6G
नेटवर्क के सामने विश्व में अभी कई चुनौतियां हैं, जो कि निम्नलिखित हैं :
- बुनियादी ढांचा : बेहतर टेराहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के लिए नए टॉवर और एंटीना की जरूरत होगी, जो कि काफी महंगे होंगे।
- सुरक्षा : अधिक मात्रा में कनेक्टेड डिवाइसों से साइबर क्राइम के जोखिम में भी बढ़ोतरी होगी। इस पर भी नियंत्रण की जरूरत होगी।
- डिजीटल डिवाइड : भारत जैसे देशों में अर्थव्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों पर टिकी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 6G नेटवर्क को पहुंचाने के लिए अधिकाधिक लागत की जरूरत होगी।
- स्वास्थ्य चिंताएं : उच्च फ्रीक्वेंसी तरंगों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए शोध की विशेष जरूरत होगी।
6G नेटवर्क विकसित करने हेतु समाधान
- विश्व के समस्त देशों की सरकारें 6G नेटवर्क को विकसित करने के लिए सब्सिडी और नवीनतम नीतियां लागू करें, जिससे 6G नेटवर्क व्यावसायिक रूप से शीघ्र ही आमजन तक पहुंच सके।
- साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत एन्क्रिप्शन और बेहतरीन AI आधारित सिस्टम विकसित करने की जरूरत है। साइबर फ्रॉड के लिए अधिक सतर्कता जरूरी है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते उपकरण और साझा बुनियादी ढांचे का उपयोग हो सकता है।
निष्कर्ष
6G नेटवर्क इंटरनेट की एक ऐसी तकनीक है जो भविष्य में हमारे जीवन को नई दिशा दे सकती है। यह टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी और नवाचार का नवीन युग सिद्ध हो सकती है। भारत संभवत: 2028–2030 तक 6G नेटवर्क टेक्नोलॉजी का रोलआउट कर सकता है, बशर्ते शोध और निवेश सही दिशा में हो। यह स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में एक क्रान्ति ला सकता है, लेकिन इसके लिए अभी काफी चुनौतियों से निपटने की जरूरत है। 6G नेटवर्क एक तकनीक नहीं वरन् एक स्मार्ट और टिकाऊ भविष्य का वादा है। यदि हम अभी से 6G नेटवर्क के लिए अभी से तैयार हो जाएं, तो यह हमारे सपनों को शीघ्र ही हकीकत में बदल सकता है।
Nice Information
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