
आज के डिजीटल युग में तकनीकों में पिछले कुछ दशकों में कई बदलाव आए हैं। इन बदलावों का परिणाम दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में भी देखने को मिला है। अब लोगों के सोचने का नजरिया ही बदल चुका है। 2025 में वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) से डिजीटल दुनिया को अभूतपूर्व तरीके से वास्तविकता के साथ जोड़कर उद्योगों को परिभाषित करने की उम्मीद की जा रही है। यह तकनीकें मानव अनुभवों को नवीन आयाम दे रही है। जहां एक ओर वर्चुअल रियलिटी हमें कृत्रिम दुनिया में ले जाता है, वहीं ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) हमें डिजीटल युग की ओर ले जाकर हमारा जीवन समृद्ध करता है। अब ये दोनों तकनीकें मात्र विज्ञान की कथा नहीं रह गई हैं वरन् हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं और भविष्य में इनका प्रभाव भी गहरा होता जा रहा है।

क्या है वर्चुअल रियलिटी (VR)?
वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीक एक ऐसी तकनीक है जो मनुष्य को रियल वर्ल्ड की अपेक्षा एक अलग ही दुनिया, जिसे हम ‘वर्चुअल दुनिया’ कहते हैं, में ले जाती है। इस तकनीक के लिए दृश्य और विभिन्न आवाजों का इस्तेमाल किया जाता है। VR तकनीक एक ऐसा कृत्रिम वातावरण है, जो उपयोगकर्ता को कम्प्यूटर निर्मित दुनिया में ले जाती है और उपयोगकर्ता को एक 3D दुनिया में डुबो देती है, जिससे उपयोगकर्ता उस 3D दुनिया के के अनुभवों को जानकर उस दुनिया के साथ बातचीत का अनुभव महसूस करता है। VR टेक्निक में एक विशेष हैडसैट और कंट्रोलर्स की सहायता से उपयोगकर्ता पूरी तरह से 3D दुनिया में खो जाता है। इस हैडसैट में एक विशेष कैमरा मौजूद होता है। VR टेक्निक आधारित हैडसैट मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इनमें HTC Vive, Oculus Rift, Google Daydream View भी शामिल होता है। हालाँकि VR तकनीक काफी महंगी तकनीक है, जिसे हर कोई आसानी से अफोर्ड नहीं कर सकता है। VR तकनीक मुख्य रूप से गेमिंग, डॉक्टर, पायलट आदि के प्रशिक्षण और मनोरंजन के साधनों में विशेष रूप से काम आती है।
भविष्य की सम्भावनाएं
वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीक की भविष्य में निम्नलिखित प्रमुख सम्भावनाएं हैं :
- शिक्षा और प्रशिक्षण : VR टेक्निक के माध्यम से छात्र ऐतिहासिक घटनाओं को अपने जीवन में अनुभव कर सकेंगे। इस तकनीक में छात्र प्रेक्टिकलों 3D में समझ सकेंगे और डॉक्टर तथा सर्जन बिना किसी जोखिम के सर्जरी आदि का अभ्यास करवा सकते हैं।
- स्वास्थ्य सेवाएँ : स्वास्थ्य सेवाओं में VR तकनीक के माध्यम से पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारगर इलाज किया जा सकता है। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने शल्य चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने के लिए VR तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पारंपरिक प्रशिक्षण विधियों की तुलना में शल्य चिकित्सा में लगभग 30 फीसदी सुधार हुआ।
- मनोरंजन एवं गेमिंग : आज डिजीटल युग में गेमिंग की दुनिया में भी वर्चुअल रियलिटी (VR) टेक्निक अपनी अहम भूमिका निभा रही है। VR तकनीक ने गेमिंग की दुनिया में एक प्रकार से क्रान्ति ला दी है, जहां खिलाड़ी स्वयं को खेल की दुनिया का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा समझने लगा है।
- वास्तुकला और डिजाइनिंग : VR तकनीक के माध्यम से आर्किेक्ट और डिजाइनर अपने प्रोजेक्ट्स में अधिकाधिक सुधार ला सकते हैं।
- भविष्य में वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीक में और भी अधिक सुधार होने की उम्मीद है। इस तकनीक के माध्यम से न केवल हम देख और सुन पाएंगे वरन् स्पर्श और गन्ध आदि का भी अनुभव कर सकते हैं।

क्या है ऑगमेंटेड रियलिटी (AR)?
वर्चुअल रियलिटी (VR) के अलावा दूसरी तकनीक जो कि दुनियाभर में आज अधिकाधिक रूप से फैलती जा रही है, वह है ‘ऑगमेंटेड रियलिटी (AR)’। यह तकनीक स्मार्टफोन, टैबलेट या AR ग्लास के माध्यम से कार्य करती है। इस तकनीक की सहायता से व्यक्ति के आस–पास के वातावरण की तरह एक डिजीटल दुनिया बनाई जा सकती है। यह दुनिया देखने में एकदम वास्तविक लगती है। इस तकनीक का इस्तेमाल डिजीटल गेमिंग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग और चिकित्सा क्षेत्र में अधिकाधिक रूप से बढ़ रहा है। यह तकनीक कैमरे के माध्यम से काम करती है। वर्ष 2016 में लॉन्च हुआ ‘पोकेमोन गो’ (Pokemon Go) गेम इस तकनीक का सबसे अच्छा उदाहरण है। आजकल इस तकनीक का इस्तेमाल इंस्ट्राग्राम और स्नैपचैट में लाइव फेस स्टीकर्स के रूप में अधिकाधिक रूप से हो रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
- दैनिक जीवन : दैनिक जीवन में ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) तकनीक का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ रहा है। दैनिक जीवन में AR ग्लासेस ट्रेफिक में नेविगेशन संबंधी जानकारी और मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करती है। साथ ही इस तकनीक के माध्यम से किसी भी व्यक्ति का नाम दिखाई दे सकता है।
- उद्योग और मरम्मत : टेक्नीशियन AR तकनीक की मदद से उद्योग एवं कारखानों में मशीनों की मरम्मत करते हुए रीयल टाइम निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक के माध्यम से टेक्नीशियनों को मशीनों के रखरखाव में बहुत अधिक सहायता मिल सकती है।
- रिटेल और फैशन : रिटेल और फैशन जगत में भी अब ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है। रिेटेल और फैशन में इस तकनीक के माध्यम से ग्राहक बिना ड्रेसिंग रूम में गए कपड़े, जूते आदि को ट्राई कर सकता है।
- रोजमर्रा की जिन्दगी : AR तकनीक वास्तविक समय की सूचनाअों को भौतिक दुनिया में फ्लो करके नेविगेशन में एक क्रान्ति ला रहा है। आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में शहरों की व्यस्त सड़कों पर नेविगेट करने से लेकर हवाई अड्डों जैसे स्थानों पर लोगों का मार्गदर्शन करने करके दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बनती जा रही है। इस तकनीक के वास्तविक उदाहरण के रूप में देखें, तो स्विस कंपनी ‘वेरे’ ने कारों के लिए एआर हैडअप डिस्प्ले (एचयूडी) विकसित किया, जो रीयल टाइम में नेविगेशन और महत्त्वपूर्ण आंकड़ों को विंडशील्ड पर प्रक्षेपित करता है।
- भविष्य में ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) तकनीक और भी अधिक स्मार्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। होलोग्राफिक प्रोजेक्शन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के साथ मिलकर यह तकनीक हमारी दैनिक गतिविधियों को और अधिक आसान बना सकती है।

क्या है मिक्स्ड रियलिटी (MR)?
इन दोनों तकनीकों के अलावा आजकल दुनिया में एक और नई तकनीक विकसित हो रही है, वह है ‘मिक्स्ड रियलिटी (MR)’। इस तकनीक के माध्यम से आर्टिफिशियल और डिजीटल दोनों दुनिया में आपस में बेहतर तालमेल देखा जा सकता है। यह तकनीक वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी दोनों का मिश्रण कही जा सकती है। मिक्स्ड रियलिटी प्लेटफॉर्म को माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा पेश किया गया है। साथ ही इस टेक्निक में होलोलैंस का इस्तेमाल किया जाता है। आने वाले समय में इस टेक्निक में और अधिक तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। मिक्स्ड रियलिटी (MR) को वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी से अधिक बेहतर और विस्तृत माना जाता है। यह तकनीक आने वाले समय में इण्डस्ट्री वर्क्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए अधिक उपयुक्त तकनीक कही जा सकती है।
चुनौतियां और समाधान
इन तकनीकों के विकसित होने में कुछ चुनौतियां भी हैं, जो कि निम्नलिखित हैं :
- हार्डवेयर की सीमाएं : VR/AR डिवाइस अभी हमारी पहुंच से बहुत दूर हैं। ये काफी महंगे और भारी हैं। हालांकि इनकी आधुनिक तकनीकों पर विकास जारी है और भविष्य में इन डिवाइसों को हल्का, सस्ता और अधिक कुशल एवं टिकाऊ उपकरणों के रूप में उपलब्ध करवाने की योजना है।
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता : VR/AR डिवाइस उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी अपने पास एकत्र कर लेते हैं, जिससे साइबर क्राइम का खतरा उत्पन्न हो जाता है। इसलिए सरकार को साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है।
- सामाजिक प्रभाव : अत्यधिक मात्रा में VR डिवाइसों का उपयोग लाने से आमजन का वास्तविक दुनिया से कटाव हो सकता है, जिससे सामाजिक अलगाव एवं बिखराव की स्थितियां बन सकती हैं।
निष्कर्ष
आज के डिजीटल युग में चाहे कोई भी नई तकनीक विकसित हो, वह हमारे दैनिक जीवन को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है। VR, AR और MR जैसी तकनीकें हमारे मनुष्य जीवन को ही नहीं वरन् उद्योगों एवं कारखानों में भी प्रभावकारी सिद्ध हो सकती हैं। 2025–26 तक हम AI, क्लाउड कम्प्यूटिंग और 5G के साथ इन तकनीकों को अनुसरण करना शुरू करेंगे और उम्मीद है कि ये तकनीकें हमारे जीवन में और क्रान्तिकारी कदम उठा सकती है। यदि इन तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये तकनीकें हमें एक अद्भुत भविष्य की ओर ले जा सकती हैं।
Nice
ReplyDeleteGreat Insight
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